खूब करो क्योंकि हर जगह
लग रहे हैं मोहब्बत के नारे
बाजार में बिक सकें
उसमें करना ऐसे ही इशारे
उसमें ईमान,बोली,जाति और भाषा के भी
रंग भरे हों सारे
जमाने के जज्बात बनने और बिगड़ने के
अहसास भी उसमें दिखते हांे
ऐसा नाटक भी रचानां
किसी एकता की कहानी लिखते हों
भले ही झूठ पर
देश दुनियां की तरक्की भी दिखाना
परवाह नहीं करना किसी बंधन की
चाहे भले ही किसी के
टूटकर बिखर जायें सपने
रूठ जायें अपने
भले ही किसी के अरमानों को कुचल जाना
चंद पल की हो मोहब्बत कोई बात नहीं
देखने चले आयेंगे लोग सारे
हो सकती है
केवल जिस सर्वशक्तिमान से मोहब्बत
बैठे है सभी उसे बिसारे
……………………………
जगह-जगह नारे लगेंगे
आज प्यार के नारे
बाहर ढूंढेंगे प्यार घर के दुलारे
प्यार का दिवस वही मनाते
जो प्यार का अर्थ संक्षिप्त ही समझ पाते
एक कोई साथी मिल जाये जो
बस हमारा दिल बहलाए
इसी तलाश में वह चले जाते
बदहवास से दौड़ रहे हैं
पार्क, होटल और सड़क पर
चीख रहे हैं
बधाई हो प्रेम दिवस की
पर लगता नहीं शब्दों का
दिल की जुबान से कोई हो वास्ता
बसता है जो खून में प्यार
भला क्या वह सड़क पर नाचता
अगर करे भी कोई प्यार तो
भला होश खो चुके लोग
क्या उसे समझ पाते
प्यार चाहिऐ और दिलदार चाहिए के
नारे लगा रहे
पर अक्ल हो गयी है भीड़ की साथी
कैसे होगी दोस्त और दुश्मन की पहचान
जब बंद है दिमाग से दिल की तरफ
जाने का रास्ता
अँधेरे में वासना का नृत्य करने के लिए
प्यार का ढोंग रचाते
यह प्यार है बाजार का खेल
शाश्वत प्रेम का मतलब
क्या वाह जानेंगे जो
विज्ञापनों के खेल में बहक जाते
———————
दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका पर लिख गया यह पाठ मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसके कहीं अन्य प्रकाश की अनुमति नहीं है।
कवि एंव संपादक-दीपक भारतदीप
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका
लेखक संपादक-दीपक भारतदीप
दीपक भारतदीप द्धारा
|
अनुभूति, अभिव्यक्ति, जजबात, मस्तराम, हास्य कविता, हास्य-व्यंग्य, हिन्दी, हिन्दी पत्रिका, हिन्दी शायरी, हिन्दी शेर, blogging, Blogroll, deepak bapu, deepak bharatdeep, deshboard, hindi culture, hindi drama, hindi epatrika, hindi jagran, hindi journlism, hindi megzine, hindi nai duinia, hindi poem, inglish, internet, mastram, Uncategorized, web bhaskar, web dunia, web duniya, web panjab kesri, web patrika में प्रकाशित किया गया
|
Also tagged ढोंग, तरक्की, दिमाग, दिल, नाटक, नृत्य, मनोरंजन, वासना, शायरी, शाश्वत प्रेम, शेर, समाज, हिंदी साहित्य, friends, hindi poem, love, sahitya, shayri, sher
|
अपने साथ भतीजे को भी
फंदेबाज घर लाया और बोला
‘दीपक बापू, इसकी सगाई हुई है
मंगेतर से रोज होती मोबाइल पर बात
पर अब बात लगी है बिगड़ने
उसने कहा है इससे कि एक ‘प्रेमपत्र लिख कर भेजो
तो जानूं कि तुम पढ़े लिखे
नहीं भेजा तो समझूंगी गंवार हो
तो पर सकता है रिश्ते में खटास’
अब आप ही से हम लोगों को आस
इसे लिखवा दो कोई प्रेम पत्र
जिसमें हिंदी के साथ उर्दू के भी शब्द हों
यह बिचारा सो नहीं पाया पूरी रात
मैं खूब घूमा इधर उधर
किसी हिट लेखक के पास फुरसत नहीं है
फिर मुझे ध्यान आया तुम्हारा
सोचा जरूर बन जायेगी बात’
सुनकर बोले दीपक बापू
‘कमबख्त यह कौनसी शर्त लगा दी
कि उर्दू में भी शब्द हों जरूरी
हमारे समझ में नहीं आयी बात
वैसे ही हम भाषा के झगड़े में
फंसा देते हैं अपनी टांग ऐसी कि
निकालना मुश्किल हो जाता
चाहे कितना भी जज्बात हो अंदर
नुक्ता लगाना भूल जाता
या कंप्यूटर घात कर जाता
फिर हम हैं तो आजाद ख्याल के
तय कर लिया है कि नुक्ता लगे या न लगे
लिखते जायेंगे
हिंदी वालों को क्या मतलब वह तो पढ़ते जायेंगे
उर्दू वाले चिल्लाते रहें
हम जो शब्द बोले उसे
हिंदी की संपत्ति बतायेंगे
पर देख लो भईया
कहीं नुक्ते के चक्कर में कहीं यह
फंस न जाये
इसके मंगेतर के पास कोई
उर्दू वाला न पहूंच जाये
हो सकता है गड़बड़
हिंदी वाले सहजता से नहीं लिखें
इसलिये जिन्हें फारसी लिपि नहीं आती
वह उर्दू वाले ही करते हैं
नुक्ताचीनी और बड़बड़
प्रेम से आजकल कोई प्यार की भाषा नहीं समझता
इश्क पर लिखते हैं
पब्लिक में हिट दिखते हैं
इसलिये मुश्क कसते हैं शायर
फारसी का देवनागरी लिपि से जोड़ते हैं वायर
इसलिये हमें माफ करो
कोई और ढूंढ लो
नहीं बनेगी हम से तुम्हारी बात
……………………………………………………………….
यह आलेख ‘दीपक भारतदीप की हिंदी पत्रिका’पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
लेखक संपादक-दीपक भारतदीप
दीपक भारतदीप द्धारा
|
अनुभूति, अभिव्यक्ति, कला, कविता, जजबात, मस्तराम, व्यंग्य, शायरी, शेर, समाज, साहित्य, हास्य कविता, हास्य-व्यंग्य, हिन्दी, हिन्दी शायरी, हिन्दी शेर, blogging, Blogroll, deepak bharatdeep, E-patrika, FAMILY, friends, hindi bhasakar, hindi culture, hindi epatrika, hindi friends, hindi internet, hindi journlism, hindi kavita, hindi litreture, hindi megzine, hindi ved, hindi web, inglish, internet, mastram, Uncategorized, vyangya, web bhaskar, web dunia, web duniya, web panjab kesri, web patrika में प्रकाशित किया गया
|
Also tagged उर्दू, देवनागरी, नुक्ताचीनी, फारसी, भाषा, devnagari, FAMILY, farsi, love, nakutachini
|