रहीम के दोहे:कलारी वाले के हाथ में दूध भी मदिरा लगता है


रहिमन नीचन संग बसि, लगत कलंक न काहि
दूध कलारी कर गाहे, मद समुझै सब ताहि

कविवर रहीम का कथन है कि नीच व्यक्ति के संपर्क में रहने से सबको कलंक ही लगता है। मद्य बेचने वाले व्यक्ति के हाथ में दूध होने पर भी लोग उसे मदिरा ही समझते हैं।

रहिमन निज संपत्ति बिना, कोउ न विपति सहाय
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सकै बचाय

कविवर रहीम कहते हैं कि अपने धन के अतिरिक्त आपत्ति आने पर अन्य कोई सहायता नहीं करता जैसे बिना जल के कमल के मुरझाने पर सूर्य भी उसको जीवन प्रदान नहीं कर पाता।

Post a comment or leave a trackback: Trackback URL.

टिप्पणियाँ

  • paramjitbali  On 18/03/2008 at 09:02

    सुन्दर दोहे प्रेषित किए हैं।

  • Brijmohan shrivastava  On 09/04/2008 at 06:06

    पहले दोहे के मुताविक ही कहा गया है “”ऐ मैन इस नोन बाई दी कम्पनी ही कीप्स
    दूसरे के वारे में निवेदन है की कहीं इसीलिए तो लोग सम्पत्ती इकट्ठा करने में नहीं लगे हुए हैं

एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

%d bloggers like this: