फिल्म चल रही कि क्रिकेट
हो रहा है मतिभ्रम
बैट-बाल का खेल होते-होते
एक्शन सीन आ जाता है कि
फिल्म वालों को भी आये शर्म
जिसे फिल्म से परहेज जो
वह भी अपने खिलाड़ी को पिटते देख
हो जाता गर्म
कहैं दीपक बापू
विश्वास तो पहले भी नहीं था
अब भी नहीं होता
फिल्म वालों की संगत जब से
क्रिकेट वालों से हुई है
पटकथा लेखकों के सहारे
मैच में एक्शन चलता लग रहा है
एक्शन की वजह से
फिल्में देखना बंद कर दीं
पर क्रिकेट में भी उसका रंग
चढ़ता लग रहा है
कोई पटकथा लिख रहा है
पीछे बैठकर
जो जानता है मैच और कहानी का मर्म
वरना ऐसे कैसे हो जाता है
जब लगता है कि बस अब होगा
इस श्रंखला का दुखांत अंत
पर हो जाता है सुखांत
जो गरम होकर प्रहार करने की
मुद्रा दिखाता है
अचानक हो जाता है नरम
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