Tag Archives: sea

आओ लिखें-छटांक भर कविता


सागर की लहरे कितनी पास हों
किसी की प्यास नहीं बुझती
गागर की बूंदें ही काम आयें
दस दिशाऐं हैं धरती पर
जब चलें पांव एक ही दिशा में जायें
हाथी बड़ा बहुत है
महावत उस पर अंकुश की नौक से काबू पायें
बड़ा होने से क्या होता है
अगर कोई जमाने के का काम का न हो
छोटा है मजदूर तो क्या
उसी हाथ से बड़े-बड़े महल बन जायें
इतिहास में दर्ज है
बड़ों-बड़ों के पतन की कहानी
पढ़कर लोग भूल जाते
पर कवियों की छोटी छोटी
दिल को सहलाने वाले शब्द
कभी लोग भूल न पायें
बड़े बड़े ग्रंथ लिखकर भी
अगर जमाने को खुश न कर सके तो क्या फायदा
लिखे का असर दूर तो हो यही है कायदा
किलो की किताब लिखने से अच्छा है
आओ लिखें छटांक भर कवितायें
लोगों के दिमाग से उतरकर वापस न लौटें
उनके दिल में उतर जायें
बड़ी न हो, भले छोटी हो रचनायें

………………………………

यह आलेख ‘दीपक भारतदीप की ई-पत्रिकापर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
लेखक संपादक-दीपक भारतदीप