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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,ग्वालियर मध्यप्रदेश
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1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,ग्वालियर मध्यप्रदेश
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1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
महंगाई बढ़ गयी है,
गर्मी पहले ही चढ़ गयी हैं,
मगर फिर भी लोग मनाकर जश्न
बसंत पंचमी का अहसास करायेंगे।
भूखे हैं पर कत्ल नहंी करते,
गरीब हैं पर भीख नहीं मांगते,
लोग अपनी खुशी यूं ही मनायेंगे।
लुटेरों के घर पहरे हैं
हुक्मरान बहरे हैं,
दान लूटकर कमीशन बता लिया,
किया व्यापार, कल्याण जता दिया,
आम इंसान लुटते रहे,
घुटते रहे,
फिर भी यह भारत की धरती है
जहां कभी सूख बरसाता कहर
तो कभी बसंत बरसती है,
यहां आग के देवता का डेरा है,
जलदेवता का भी बसेरा है,
हताशा के मौसम में भी
खून की नदियां बहते न देखकर
बुद्धिमान होते हैं निराश
हैरान है दुनियां
बसंत पंचमी में गरीबों के भी
मन खुशी के अहसास से लहरायेंगे।
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बसंत पंचमी के इस अवसर पर सभी पाठकों तथा ब्लॉग लेखक मित्रों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।