आओ कुछ सपने देखें
अपने घर खुशियाँ आने की
गम तो पल पल मिल जाते हैं ज़माने में,
दूसरों को दर्द देना आसान है
वक्त लगता हैं बहुत किसी को हंसाने में,
कहैं दीपक बापू
कागज के घर बनाने में
गुजर जाती है जिंदगी
पल लगता है उसे जलाने में.