असली क्रिकेट प्रशिक्षण-हिन्दी हास्य व्यंग्य (real cricket coching-hindi hasya vyngya)
एक आदमी अपने लड़के को क्रिकेट की कोचिंग सिखाने के लिये ले जा रहा था। रास्ते में दोस्त मिल गया और उसने पूछा तो वह आदमी बोला-‘यार, मेरा बच्चा क्रिकेट खेलता है। पढ़ता लिखता कुछ नहीं है। पड़ौसियों को परेशान कर रखा है। इसलिये इसे क्रिकेट कोच के पास ले जा रहा हूं। हो सकता है कि यह क्रिकेट खिलाड़ी बन जाये क्योंकि ऐस सारे गुण इसमें दिखाई देते हैं।
दूसरे दोस्त ने कहा-‘अच्छी बात है! वैसे मैं एक अच्छे क्रिकेट कोच को जानता हूं। उसने कभी क्रिकेट अधिक नहीं खेली पर जितनी खेली कोच बनने के लिये पर्याप्त थी। तुम कहो तो उसके यहां चलें।’
उस आदमी ने कहा-‘अरे यार, तुम समझते नहीं। आजकल कोई भी खेल खेलना काफी नहीं है। जिस कोच के पास ले जा रहा हूं वह क्रिकेट सिखाने के साथ रैम्प पर नाचना भी सिखाता है। सबसे बड़ी बात यह कि वह ऐसा क्रिकेट कोच है जो फिक्सिंग करना भी सिखाता है।
दोस्त ने हैरान होकर पूछा-‘यार कैसी बात कर रहे हो?’
उस आदमी ने कहा-‘वही तो हम पुराने लोग नहीं समझ पाते। इधर मैंने देखा कि मैच फिक्सिंग की बातें भी हो रही है। अरे, एक पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी पर भारत की दो दो लड़कियां फिदा हो गयीं। एक से तलाक फिक्स किया तो दूसरे की साथ शादी हुई जबकि उसके बारे में उस देश की ही एक खिलाड़ी कहता है कि वह गज़ब का फिक्सिर है। उधर क्रिकेट खिलाड़ियों को रैम्प पर नाचता हुआ देखता हूं तो लगता है कि यह भी उनको कोच ने ही सिखाया होगा। एक दो खिलाड़ी तो लाफ्टर शो में भी निर्णायक बन कर आता है। ऐसी गतिविधियां वह कोच सिखाता है। क्रिकेट तो कोई भी सीख और सिखाता है पर उसके साथ जो दूसरी जरूरी चीजें वह सिखाये वही असली कोच है।
वह दोस्त अपना मुंह लेकर चला गया।
कवि लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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दीपक भारतदीप, on
07/06/2010 at 22:13, under
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