रोटी का इंसान से बहुत गहरा है रिश्ता-हिंदी शायरी


पापी पेट का है सवाल
इसलिये रोटी पर मचा रहता है
इस दुनियां में हमेशा बवाल
थाली में रोटी सजती हैं
तो फिर चाहिये मक्खनी दाल
नाक तक रोटी भर जाये
फिर उठता है अगले वक्त की रोटी का सवाल
पेट भरकर फिर खाली हो जाता है
रोटी का थाल फिर सजकर आता है
पर रोटी से इंसान का दिल कभी नहीं भरा
यही है एक कमाल
………………………
रोटी का इंसान से
बहुत गहरा है रिश्ता
जीवन भर रोटी की जुगाड़ में
घर से काम
और काम से घर की
दौड़ में हमेशा पिसता
हर सांस में बसी है उसके ख्वाहिशों
से जकड़ जाता है
जैसे चुंबक की तरफ
लोहा खिंचता

…………………………………..

यह हिंदी शायरी मूल रूप से इस ब्लाग

‘दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका’

पर लिखी गयी है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं है।
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टिप्पणियाँ

  • कुन्नू सिंह  On 19/09/2008 at 16:44

    बहुत अच्छा लीखा है। कोई जवाब ही नही।
    वाह मजा आ गया।

    आपने एक दम जोडी बना दी है लीखने मे।
    जैसे “सवाल” बवाल
    वाह

    दिल से तारीफ कर रहा हूं

  • SHIV SHANKAR  On 16/10/2008 at 09:24

    I like very much

  • Rakesh ojha  On 05/11/2009 at 14:02

    kya khana sir …………………

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