विदुर नीति:अकेले वृक्ष के बलवान होने पर भी आंधी उसे गिरा देती है


*जलती लकडियाँ अलग-अलग होने पर धुआं और एक साथ होने पर अग्नि को प्रज्जवलित करतीं हैं इसी प्रकार फ़ुट होने पर लोग कष्ट उठाते हैं और एक होने पर सुखी होते हैं।
*यदि वृक्ष अकेला है तो बलवान, दृढ़ और बृहद होने पर भी एक ही क्षण में आंधी के द्वारा बलपूर्वक शाखाओं सहित धराशायी किया जा सकता है।
*जो बहुत बडे वृक्ष एक साथ रहकर समूह में खडे रहते हैं वह एक दूसरे को सहारा देकर बहुत शक्तिशाली तूफ़ान का भी सामना करते हैं
*समस्त गुणों से संपन्न होने पर भी शत्रु अपनी ताकत के अन्दर समझते हैं जैसे अकेले वृक्ष को वायु किन्तु परस्पर मेल होने से एक दूसरे के साथ रहने वाले लोग ऐसी ही शोभा प्राप्त करते हैं जैसे तालाब में कमल।

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टिप्पणियाँ

  • dr parveen chopra  On 09/02/2008 at 06:25

    पढ़ कर बहुत अच्छा लगा…छोटी सी पोस्ट, लेकिन जीवन भर का सामान साथ लिए हुए…अगर हम इसे अपने जीवन में उतार लें तो जि़दगी ही बदल जाये. ऐसी क्लेक्शन्स लिखते रहा करिए।

  • Sharad  On 15/05/2014 at 16:24

    aaj kal ke jamane me ye sab padenge to log bhik bhi nahi denge

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